‘ट्रंप ने 11 बार कहा, लेकिन PM नहीं बोल पाए एक शब्द’, राहुल गांधी ने फिर कसा ‘नरेंदर सरेंडर’ का

‘ट्रंप ने 11 बार कहा, लेकिन PM नहीं बोल पाए एक शब्द’, राहुल गांधी ने फिर कसा ‘नरेंदर सरेंडर’ का

Rahul Gandhi on PM Modi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार (6 जून, 2025) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर सरेंडर वाली टिप्पणी को दोहराया, जिस पर हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने नाराजगी जताई थी. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने यह बात बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में कही. इससे कुछ दिन पहले उन्होंने मोदी पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने झुकने का आरोप लगाया था.

राहुल गांधी ने राजगीर में कहा, “ट्रंप ने कम से कम 11 बार कहा है कि उन्होंने पीएम मोदी को मजबूर किया है. हमारे प्रधानमंत्री विरोध में एक शब्द भी नहीं कह पा रहे हैं. कारण यह है कि ट्रंप ने जो कहा है, वही हकीकत है.”

राहुल के कटाक्ष को भाजपा ने कहा था देशद्रोह

उल्लेखनीय है कि गांधी ने इस सप्ताह की शुरुआत में भोपाल में दावा किया था कि पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष के चरम पर होने पर ट्रंप ने मोदी से कहा था, “नरेंद्र, सरेंडर”. इस टिप्पणी से भाजपा नाराज हो गई थी. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने इसे देशद्रोह कहा था.

भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि यह बयान हाफिज सईद जैसे आतंकवादियों की ओर से भारत के बारे में कही गई बातों से कहीं अधिक अपमानजनक है.

राहुल गांधी ने आरएसएस पर भी साधा निशाना

राजगीर में अपने संबोधन में हालांकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “मैं आरएसएस से लड़ रहा हूं और वे बहुत आसानी से आत्मसमर्पण कर देते हैं. उन्हें दया याचिका लिखने में ज्यादा समय नहीं लगता है. बेशक, आधुनिक तकनीक ने पेन और कागज की जगह व्हाट्सऐप को जन्म दे दिया है.”

यह इशारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) विचारक विनायक दामोदर सावरकर की ओर से ब्रिटिश राज को लिखी गई क्षमादान याचिका की ओर था, जब वह अंडमान की सेलुलर जेल में बंद थे.

मैं कहा था हम सरकार को जातीय गणना करने के लिए मजबूर करेंगे- राहुल गांधी

कांग्रेस नेता ने कहा, “कथित तौर पर आत्मसमर्पण की प्रवृत्ति तब भी काम कर रही थी, जब संघ के पूर्व प्रचारक मोदी ने जातीय गणना की मांग के आगे घुटने टेक दिए थे.” गांधी ने दावा किया, “मैंने संसद में मोदी की आंखों में आंखें डालकर कहा था कि हम उनकी सरकार को जातीय गणना कराने के लिए मजबूर करेंगे.” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा लेकिन वास्तविक जातीय गणना की अनुमति नहीं देगी क्योंकि इससे उनकी राजनीति खत्म हो जाएगी.

जातीय जनगणना के दो मॉडल हैं- राहुल गांधी

गांधी ने दावा किया, “देखिए कि मोदी खुद को ओबीसी कैसे कहते हैं और यह भी दावा करते हैं कि कोई जाति नहीं है.” उन्होंने यह भी कहा कि जातीय गणना के दो मॉडल हैं. एक तो भाजपा का (मॉडल) है, जिसमें सब कुछ नौकरशाहों की ओर से बंद दरवाजों के पीछे तय किया जाता है, जिनमें वंचित जातियों से शायद ही कोई होगा.”

गांधी ने कहा, “दूसरा मॉडल (कांग्रेस शासित) तेलंगाना का है, जहां दलित संगठनों और नेताओं को शामिल किया जाता है और सर्वेक्षण में भाग लेने वाले लोग अस्पृश्यता जैसी चीजों के बारे में अपने अनुभव खुलकर बताते हैं.”

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