नवजातों की हो रही खरीद-फरोख्त, पुलिस ने 10 मासूमों को बचाया, 27 आरोपी गिरफ्तार

नवजातों की हो रही खरीद-फरोख्त, पुलिस ने 10 मासूमों को बचाया, 27 आरोपी गिरफ्तार

Little one Trafficking: तेलंगाना के राचकोंडा पुलिस ने नवजात शिशुओं की अवैध खरीद-फरोख्त में लिप्त एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस ऑपरेशन के तहत 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 10 नवजात शिशुओं को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया. इनमें 6 लड़कियां और 4 लड़के शामिल हैं. इस गिरोह के खिलाफ लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद पुलिस ने विशेष जांच टीम गठित कर ऑपरेशन को अंजाम दिया.

पुलिस ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड कोला कृष्णवेणी, दीप्ति और अमूल्या को गिरफ्तार किया है. कृष्णवेणी और दीप्ति ने पूछताछ के दौरान इलीगल लेन-देन का खुलासा किया जिसके आधार पर पुलिस ने 10 नवजातों को बचाया. वहीं अमूल्या को 18 मार्च को गिरफ्तार किया गया जिसने 8 नवजातों की इलीगल खरीद-फरोख्त में अपनी संलिप्तता स्वीकार की. इनमें से 4 शिशुओं को पुलिस पहले ही रेस्क्यू कर चुकी थी.

नवजातों की खरीद-फरोख्त करने वाला गिरोह बेनकाब

पुलिस जांच में सामने आया कि ये गिरोह नवजात लड़कियों को 2-3 लाख रुपये में खरीदता था और उन्हें 3-4 लाख रुपये में बेचता था. वहीं लड़कों की कीमत 4-5 लाख रुपये रखी जाती थी और उनकी बिक्री 5-6 लाख तक में होती थी. गिरोह शिशुओं को मुंबई (महाराष्ट्र), कानपुर (उत्तर प्रदेश), रायपुर (छत्तीसगढ़), अमरावती (महाराष्ट्र) और हैदराबाद (तेलंगाना) से खरीदता था. इसके बाद इन नवजातों को कोलकाता (पश्चिम बंगाल), चेन्नई (तमिलनाडु), बेंगलुरु (कर्नाटक), हैदराबाद (तेलंगाना) और गुंटूर (आंध्र प्रदेश) में बेचा जाता था.

पुलिस की सख्त चेतावनी और अपील

पुलिस ने इस गिरोह के सभी एजेंटों और मध्यस्थों को गिरफ्तार कर लिया है जिन्होंने सौदों को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई थी. पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे बच्चों को गोद लेने के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करें और किसी भी इलीगल सौदे से दूर रहें. इसके अलावा पुलिस इस गिरोह के बाकी संभावित सहयोगियों और शेष तस्करों की पहचान करने के लिए जांच को और आगे बढ़ा रही है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों को भी गिरफ्तार किया जाएगा ताकि इस अमानवीय तस्करी को पूरी तरह से खत्म किया जा सके.

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