मंदिर या मस्जिद, HC का फैसला और 15 मामले… कृष्णजन्मभूमि-ईदगाह में 15 जनवरी को SC में सुनवाई

<p model="text-align: justify;">उत्तर प्रदेश के मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार (15 जनवरी, 2025) को सुनवाई करेगा. मस्जिद प्रबंधन समिति ने उसकी याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ न्यायालय में अपील की है.</p>
<p model="text-align: justify;">पिछले साल एक अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट की प्रबंधन समिति की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें मथुरा में मंदिर-मस्जिद विवाद से संबंधित 15 मामलों की पोषणीयता को चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि शाही ईदगाह के धार्मिक चरित्र को निर्धारित करने की आवश्यकता है.</p>
<p model="text-align: justify;">हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया था कि कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद परिसर को लेकर विवाद से संबंधित हिंदू वादियों द्वारा दायर मुकदमे पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम का उल्लंघन करते हैं और इसलिए वे स्वीकार्य नहीं हैं.</p>
<p model="text-align: justify;">सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने पिछले साल नौ दिसंबर को इस मामले में अंतिम सुनवाई शुरू की थी और यह मामला 15 जनवरी को पीठ के समक्ष आएगा. हिंदू पक्षकारों में से एक ने तर्क दिया कि मस्जिद समिति विवाद पर एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख कर सकती थी. इस हिंदू पक्षकार का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता बरुण सिन्हा ने किया.</p>
<p model="text-align: justify;">उन्होंने कहा कि मस्जिद समिति की याचिका वर्तमान स्थिति में सुप्रीम कोर्ट में विचार योग्य नहीं है. वकील ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के नियमों के हवाले से तर्क दिया, ‘इलाहाबाद उच्च न्यायालय के नियमों के अध्याय 8 के मद्देनजर, उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष एक विशेष अपील स्वीकार्य होगी.'</p>
<p model="text-align: justify;">उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अपील उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ सुनवाई योग्य नहीं है और अदालत में एक अंत: न्यायालय अपील दायर की जानी चाहिए थी इसलिए वकील ने याचिका को खारिज करने की मांग की. पिछले साल 29 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई थी.</p>
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