आतंकी सैयद सलाहुद्दीन के बेटे को दिल्ली हाई कोर्ट ने दी जमानत, दूसरे की याचिका खारिज; जानें क्य

दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार (8 अगस्त, 2025) को हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के एक बेटे को जमानत दे दी, जबकि दूसरे को आतंकियों की फंडिंग मामले में राहत देने से इनकार कर दिया.
जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शैलिंदर कौर की बेंच ने सलाहुद्दीन के बेटे शाहिद यूसुफ की ज़मानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि अदालत अभियोजन पक्ष द्वारा सामने लाई गई बड़ी साज़िश को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकती. आतंकवादी धन को जम्मू-कश्मीर में पहुंचाने के लिए हवाला चैनलों के इस्तेमाल के अभियोजन पक्ष के आरोपों पर विचार करते हुए अदालत ने कहा कि यूसुफ कथित तौर पर इस नेटवर्क का हिस्सा था.
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?
आदेश में कहा गया कि उसे सह-आरोपी एजाज अहमद भट उर्फ एजाज मकबूल भट से कथित तौर पर धन प्राप्त हुआ था, यह जानते हुए कि इस धन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए किया जाएगा. उच्च न्यायालय ने कहा कि यूसुफ के भाग जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, खासकर यह देखते हुए कि उसने पहले कथित तौर पर फर्जी माता-पिता की पहचान वाले पासपोर्ट पर यात्रा की थी और बाद में दस्तावेज़ को नष्ट कर दिया था.
पीठ ने कहा कि उसके द्वारा सबूतों से छेड़छाड़ करने और गवाहों को प्रभावित करने की पूरी संभावना है. सैयद अहमद शकील को ज़मानत देते हुए अदालत ने कहा कि वह पहले ही 6.11 साल की लंबी कैद काट चुका है और इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि मुकदमा उचित समय के भीतर समाप्त हो जाएगा. अदालत ने कहा कि शकील के खिलाफ अभियोजन का मुख्य आधार धन प्राप्ति था, न कि किसी आतंकवादी गतिविधि के लिए उसका उपयोग.
2011 में की गई थी शकील की गिरफ्तारी
पीठ ने कहा, “अपीलकर्ता (शकील) को सौंपी गई भूमिका को ध्यान में रखते हुए, इस स्तर पर अपीलकर्ता को लगातार हिरासत में रखना न्याय के उद्देश्यों की पूर्ति नहीं करेगा. उन्हें एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो मुचलकों पर ज़मानत दी गई. एनआईए ने शकील को 2011 में दर्ज एक आतंकी फंडिंग मामले में 30 अगस्त, 2018 को श्रीनगर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था.
एनआईए के अनुसार, यह मामला पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा जम्मू-कश्मीर में हवाला के ज़रिए धन हस्तांतरित करने से संबंधित है. यह आपराधिक साज़िश भारत में कुछ गुर्गों के साथ मिलकर रची गई थी ताकि जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके और उन्हें धन मुहैया कराया जा सके.
यूसुफ को अक्टूबर 2017 में हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन से विदेश से धन प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और 2018 में उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था. शकील पर फरार आरोपी एजाज अहमद भट से वेस्टर्न यूनियन के ज़रिए धन प्राप्त करने का आरोप था और उसका नाम सऊदी अरब के कार्यकर्ताओं के ज़रिए आतंकवादी संगठन से धन जुटाने, प्राप्त करने और इकट्ठा करने में भी सामने आया था. अमेरिका द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित सैयद सलाहुद्दीन हिज्ब-उल-मुजाहिदीन का स्वयंभू कमांडर है.
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