आसमानी ताकत में ‘बाहुबली’ होगा भारत, फाइटर जेट्स की नई खेप होगी तैयार; वायुसेना का धाकड़ प्लान

India Air Power: भारतीय वायुसेना अपने बेड़े में अगले 5 से 10 साल में 114 फाइटर जेट को शामिल करेगी. रक्षा मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय कमिटी ने इस योजना पर अपनी सहमति दे दी है. ये फाइटर जेट्स आने वाले सालों में रिटायर हो रहे लड़ाकू विमानों की जगह मोर्चा संभालेंगे.
सूत्रों के मुताबिक, अगले चार से पांच सालों में भारतीय वायुसेना वैश्विक टेंडर्स के जरिए लड़ाकू विमानों को शामिल करेगी. 114 लड़ाकू विमानों को शामिल करने से वायुसेना को अगले 10 सालों तक अपनी स्क्वाड्रन पॉवर बनाए रखने में मदद मिलेगी. दरअसल, साल 2037 तक लड़ाकू विमानों के 10 स्क्वाड्रन रिटायर होने हैं. यानी 10 से 12 सालों में कई फाइटर जेट भारतीय वायुसेना से बाहर कर दिए जाएंगे. इनमें जगुआर, मिराज-2000 और मिग-29 जैसे फाइटर जेट शामिल हैं. ऐसे में भारत की आसमानी ताकत में किसी तरह की कमी न आए, इसलिए रक्षा मंत्रालय इन विमानों को रिप्लेस करने की दिशा में आगे बढ़ रही है.
पांचवीं पीढ़ी के विमानों पर फोकस
सूत्रों के मुताबिक, टेंडर में शामिल होने वाले विमानों में राफेल, ग्रिपेन, यूरोफाइटर टाइफून, मिग-31 और एफ-16 फाइटर जेट्स शामिल हैं. ये विमान 126 लड़ाकू विमानों के लिए हुए पिछले टेंडर में भी भाग ले चुके हैं. खबर यह भी है कि साल 2047 तक भारतीय वायुसेना अपनी स्क्वाड्रन की संख्या 60 तक पहुंचाना चाहती है. बता दें कि 114 फाइटर जेट के अलवा स्वदेशी लड़ाकू विमान ‘तेजस’ के अलग-अलग संस्करणों जैसे मार्क-1ए और मार्क-2 को भी इस दौरान वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा.
फिलहाल, भारतीय वायुसेना के पास 4.5 जनरेशन के केवल 36 फाइटर जेट हैं. यह सभी फ्रांस से लिए गए राफेल विमान हैं. ऐसे में एयरफोर्स को अपनी ताकत बढ़ाने के लिए ऐसे धाकड़ विमानों की संख्या और बढ़ाने की जरूरत है. यही कारण है कि भारतीय वायुसेना अब पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को अपने बेड़े में शामिल करने की योजनाएं बना रही है.
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