उसका करीबी, कसाब को भी तो मिला अंतिम फैसला- यासीन आमिर के लिए SC और SG में घटिया बहस
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (21 नवंबर, 2024) को शेयरधारकों के खिलाफ़ अलगाववादी नेता यासीन अमीर को जम्मू की अदालत में पेश किया, जिसमें जाने के आदेश के जनरल जनरल की भर्ती पर सुनवाई की गई। कोर्ट ने कहा कि ऑफलाइन क्रॉस एक्जामिनेशन कैसे हो सकता है और जब मौलाना अजमल कसाब को ट्रायल सुनवाई का मौका दिया गया था, तो यासीन आमिर को क्यों नहीं। विश्वास का कहना है कि यासीन आमिर आम कैदी नहीं है, उसके सईद सईद जैसे ही पासपोर्ट हैं, इसलिए दिल्ली से जाम ले जाना बहुत जोखिम भरा है। यासीन आमिर अभी भी तिहाड़ जेल में गैंगबैंग की सजा काट रहा है। यह पर्चा साल 1989 में 4 आईएसएएफ की हत्या के मामले में जम्मू की अदालत में यासीन आमिर की गोलियों से जुड़ा हुआ है।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच मामले में सुनवाई कर रही थी। वकील की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि यह यासीन अमीर की चालबाजी है इसलिए वह कह रहे हैं कि किसी वकील के बजाय वह खुद कोर्ट में पेश होंगे। एसजी मेहता ने नवाजुद्दीन-ए-तैयबा के संस्थापक सईद सईद के साथ यासीन अमीर की फोटो कोर्ट को दिखाते हुए कहा कि यह सुरक्षा के दावे से यह बहुत बड़ी बात है। साथ ही यह खतरे के गवाहों की भी बात है।
तुषार मेहता के तर्क पर न्यायमूर्ति अभय एस. ओका ने कहा, लेकिन ऑनलाइन सुनवाई में क्रॉस एग्जामिनशेन कैसे हो सकता है? ‘जम्मू में तो अच्छा सामान भी नहीं है।’ जज की चिंता एसजी तुषार मेहता ने फिर से खुलासा किया कि यासीन आमिर कोई सामान्य अपराधी नहीं है, वह कई बार शहीद सईद से पाकिस्तान में भी मुलाकात कर चुका है। उन्होंने कहा कि गवाहों की भी जरूरत होगी क्योंकि पहले एक गवाह की हत्या कर दी गई थी। जस्टिस ओका ने कहा कि हमारे देश में अजमल कसाब को भी फांसी दी गई थी।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका ने कहा कि जेल में ही ट्रायल के विकल्प भी देखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी चतुर्थों पर पहले निर्णय लेना जरूरी है। तुषार महेता ने कहा कि यासीन आमिर ने वकील लेने से मना कर दिया है। उन्होंने दाखिल पत्र में एक पुरानी वाक़िए का ज़िक्र किया है, जब एक बार यासीन को सर्वोच्च न्यायालय में पेश किया गया था तो न्यायाधीश देखकर चौंक गए थे। तब मौलाना के वकील ने अदालत को बताया कि जेल प्रशासन को सर्वोच्च अदालत के आदेश को लेकर सिद्धांत हो गया था। न्यायमूर्ति अभय एस. ओका ने कहा कि यासीन अमीर को सुप्रीम कोर्ट में क्रैम्बली पेश करने की इजाजत है।
साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में क्रॉस एग्ज़मिनेशन के लिए यासीन आमिर को पेश करने के लिए जाम (टाडा/पोटा) के लिए मस्जिद सत्र जज के आदेश पर रोक लगा दी थी। यासीन मोहम्मद अभी दिल्ली की तिहाड़ जेल में अन्य मेहमानों की सजा काट रहे हैं। वर्ष 2022 में डेमोक्रेट कोर्ट ने टेरर फंडिंग और अन्य मामलों में एलायंस की सजा सुनाई थी। डेथ नेक्स की मौत की सज़ा के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में भी अपील की गई है।
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