केंद्र सरकार के इस विभाग में हैं 3200 से भी ज्यादा नौकरियां, जानें कहां-कहां कर सकते हैं अप्लाई

Goverment Job: देशभर की ऐतिहासिक धरोहरों की देखरेख करने वाली संस्था भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) में कर्मचारियों की भारी कमी का खुलासा सोमवार (10 मार्च, 2025) को संसद में हुआ है. केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने असदुद्दीन ओवैसी के सवाल पर लोकसभा में लिखित जवाब में जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग में कुल 8,755 पद स्वीकृत हैं लेकिन इस समय सिर्फ 4,845 पद भरे गए हैं और 3,203 पद खाली पड़े हैं यानी कुल स्वीकृत पदों में से 37 फीसदी पद आज भी खाली पड़े हैं.
केंद्र सरकार के अनुसार, ग्रुप-ए, ग्रुप-बी और ग्रुप-सी में हजारों पद खाली पड़े हैं. ग्रुप-ए में 319 स्वीकृत पदों में से सिर्फ 153 पद भरे गए हैं, यानी 52 प्रतिशत पद खाली हैं इसी तरह ग्रुप-बी में 946 पदों में से 515 पद भरे गए हैं, यानी 45 प्रतिशत पद रिक्त हैं और ग्रुप-सी में 7,490 पदों में से केवल 4,177 पद भरे गए हैं, यानी 39 प्रतिशत पद खाली हैं.
विज्ञान शाखा में 40 प्रतिशत पद खाली
एएसआई की विभाग अनुसार स्थिति देखें तो संरक्षण शाखा (Conservation Department) में 831 में से सिर्फ 270 पद भरे गए हैं, यानी 67 प्रतिशत पद खाली हैं वहीं, ASI की पुरातत्व शाखा में 420 में से 236 पद भरे है यानी 44 प्रतिशत खाली हैं, इसी तरह विज्ञान शाखा में 40 प्रतिशत और मुद्रालेख (Epigraphy) शाखा में 35 फीसदी पद खाली पड़े हैं.
राष्ट्रीय अभिलेखागार में 52 प्रतिशत पद खाली
एएसआई के अलावा अन्य सांस्कृतिक संस्थानों में भी यही स्थिति बनी हुई है. केंद्रीय संस्कृति मंत्री के मुताबिक नेशनल म्यूजियम (राष्ट्रीय संग्रहालय) में 197 स्वीकृत पदों में से सिर्फ 94 भरे गए हैं यानी आधे से ज़्यादा पद खाली हैं. वहीं, राष्ट्रीय अभिलेखागार (Nationwide Archives) में 52 प्रतिशत पदों पर नियुक्ति नहीं हुई है एयर राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (NGMA) में 135 में से सिर्फ 53 पद भरे हैं यानी 61 प्रतिशत पद रिक्त हैं.
सरकार ने कहा कि इन पदों को भरने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और कर्मचारी चयन आयोग (SSC) के माध्यम से भर्ती की जा रही है लेकिन हकीकत यह है कि कई वर्षों से भर्ती की गति बेहद धीमी रही है. सरकार का दावा है कि प्रमोशन, प्रतिनियुक्ति और सीधी भर्ती के जरिए इन पदों को भरा जा रहा है लेकिन अभी भी 37 प्रतिशत पद खाली हैं और इनमें से अधिकांश पिछले दो से तीन वर्षों से रिक्त पड़े हैं.
एएसआई की जिम्मेदारी देश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने की है लेकिन इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की कमी से कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है जिसका जिक्र साल 2023 में संसदीय समिति ने भी किया था लेकिन आज 2 साल बाद भी सरकारी आंकड़ों को देख कर स्पष्ट होता है कि हालात जस के तस बने हुए हैं.
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