‘क्या मराठी भाषा पर देवेंद्र फडणवीस का साथ देगा केंद्र’, एमके स्टालिन ने पीएम मोदी से पूछा सवाल

MK Stalin On Marathi: महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में दावा किया कि राज्य में केवल मराठी अनिवार्य हैं. इसको लेकर राजनीतिक घमासान मच गया है. भाषा विवाद के मसले पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सोमवार (21 अप्रैल, 2025) को पूछा कि क्या केंद्र सरकार सभी राज्यों को यह निर्देश जारी करेगी कि एनईपी में तीसरी भाषा के अनिवार्य शिक्षण की जरूरत नहीं है.
महाराष्ट्र सरकार के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए स्टालिन ने कहा, “यह गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने के खिलाफ व्यापक सार्वजनिक निंदा पर उनकी घबराहट साफ दिख रही है.” उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान यह स्पष्ट करें कि क्या केंद्र सरकार आधिकारिक तौर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की इस स्थिति का समर्थन करती है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत महाराष्ट्र में तीसरी भाषा के रूप में मराठी के अलावा कोई अन्य भाषा अनिवार्य नहीं है.
‘… तो क्या केंद्र सरकार जारी करेगी निर्देश’
उन्होंने पूछा, “अगर ऐसा है तो क्या केंद्र सरकार सभी राज्यों को यह स्पष्ट निर्देश जारी करेगी कि एनईपी में तीसरी भाषा के अनिवार्य शिक्षण की आवश्यकता नहीं है? क्या केंद्र सरकार तमिलनाडु के लिए 2,152 करोड़ रुपये जारी करेगी, जिसे उसने इस आधार पर अन्यायपूर्ण तरीके से रोक रखा है कि राज्य को अनिवार्य तीसरी भाषा के शिक्षण पर सहमति देनी होगी?”
Going through an enormous backlash for imposing Hindi because the third language, Maharashtra CM Devendra Fadnavis now claims that solely Marathi is obligatory within the state. It is a clear manifestation of his trepidation over the widespread public condemnation in opposition to imposition of Hindi on…
— M.Ok.Stalin (@mkstalin) April 21, 2025
क्या कहा था देवेंद्र फडणवीस ने?
फडणवीस ने राज्य में हिंदी भाषा को थोपे जाने संबंधी चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि मराठी भाषा अनिवार्य बनी रहेगी. फडणवीस ने कहा, ‘‘यह कहना गलत है कि हिंदी थोपने का प्रयास किया जा रहा है. महाराष्ट्र में मराठी अनिवार्य रहेगी. इसके अलावा कोई अन्य अनिवार्यता नहीं होगी.’’
स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाने की सरकार की मंजूरी पर उठे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने कहा, ‘हमें यह समझने की जरूरत है कि मराठी के स्थान पर हिंदी को अनिवार्य नहीं बनाया गया है. मराठी भाषा अनिवार्य है.’ उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति में कहा गया है कि विद्यार्थियों को पढ़ायी जाने वाली तीन भाषाओं में से दो भारतीय भाषाएं होनी चाहिए.
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