‘जानकारी भी नहीं दी और हटा दिए 231 पेज के असहमति नोट’, वक्फ की JPC पर बोले असदुद्दीन ओवैसी

Asaduddin Owaisi on JPC report: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार (31 जनवरी, 2025) को कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पर उनके विस्तृत असहमति नोट को समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने उनकी जानकारी के बिना हटा दिया.
समिति के सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने इस रिपोर्ट पर 231 पृष्ठों का असहमति नोट दिया था. यह रिपोर्ट गुरुवार (30 जनवरी, 2025) को लोकसभा अध्यक्ष को सौंपी गयी थी. उन्होंने अध्यक्ष पर रिपोर्ट के संबंध में दिये गये असहमति नोट को बदलने के लिए प्रक्रिया के नियमों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया.
विस्तृत असहमति नोट सौंपा था.
ओवैसी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैंने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ संयुक्त समिति को एक विस्तृत असहमति नोट सौंपा था. यह चौंकाने वाली बात है कि मेरे नोट के कुछ हिस्सों को मेरी जानकारी के बिना संपादित किया गया. हटाए गये खंड विवादास्पद नहीं थे; उनमें केवल तथ्य बताए गए थे.’’
‘विपक्ष की आवाज को क्यों दबाया गया’- ओवैसी
ओवैसी ने कहा, ‘‘जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल जैसी रिपोर्ट चाहते थे, वैसी रिपोर्ट तैयार करवा ली , लेकिन विपक्ष की आवाज को क्यों दबाया गया? चूंकि उन्होंने मेरी रिपोर्ट को बदलने के लिए एक नियम का दुरुपयोग किया है इसलिए मैं जल्द ही अपना पूरा असहमति नोट जनता को पढ़ने के लिए जारी करूंगा.’’ वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति ने मसौदा विधेयक पर इस रिपोर्ट को 11 के मुकाबले 15 के बहुमत से स्वीकार कर लिया। विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट पर असहमति नोट प्रस्तुत किए.
655 पन्नों की रिपोर्ट रिपोर्ट को रातों रात पढ़ना असंभव
जेपीसी में शामिल विपक्षी सांसदों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर आपत्ति जताई थी. जेपीसी की 655 की रिपोर्ट को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि हमें 655 पन्नों की ड्रॉफ्ट रिपोर्ट मिली थी. 655 की रिपोर्ट को रातों रात पढ़ना असंभव है. यही कारण था कि ओवैसी ने संशोधनों के खिलाफ अपनी रिपोर्ट दी थी. उन्होंने कहा था कि, जब यह विधेयक संसद में लाया जाएगा तो उनकी ओर से आवाज उठाई जाएगी. क्योंकि वह शुरू से ही इसके खिलाफ रहे हैं.
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