झारखंड में दस्तावेज़ रिकॉर्ड, संस्था की संस्था सोरेन सरकार, क्या जेल ने बदला इतिहास?
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भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में इस बार पूरी ताकत से जीत हासिल की। लेकिन जो आया उससे उसके उम्मीदों को बड़ा झटका लगा। इसके साथ ही, झारखंड चुनाव में एक रिकॉर्ड भी दर्ज है और वो रिकॉर्ड एक सरकारी कार्यालय की सत्ता में आने का है।
राधा, 81 वन्यजीव विधानमंडल वाला ये राज्य विशेष रूप से काफी अस्थिर है। ये राज्य है जहां पर मधु कोड़ा राज्य के मुख्यमंत्री तक बन चुके हैं। ऐसे में शामिल हो सकते हैं कि यहां का कैसा मिसमिस है। इतना ही नहीं, साल 2000 जब ये राज्य बिहार से अलग बना, उसके बाद बीजेपी की तरफ से बने मुख्यमंत्री रघुवर दास ही एक ऐसे सीएम रहे,पांच साल तक अपना कार्यकाल पूरा किया था। हालाँकि, अगले चुनाव में उन्हें भी हंगामा का सामना करना पड़ा। यानि, इससे पहले कोई भी सरकार झारखंड की सत्ता में शामिल नहीं हुई थी।
ऐसे में राजनीतिक मामले में इस बार के चुनाव में एटमी की जीत के पीछे एक बड़ा फैक्टर राज्य के सीएम राहुल सोरेने के जेल में सामान की कमी बनी हुई है। वरिष्ठ पत्रकार अभय दुबे का कहना है कि चाहे झारखंड हो या फिर महाराष्ट्र, दोनों राज्यों में बीजेपी की तरफ से वादों और गठबंधनों में कहीं कोई नहीं गया था, उसके बाद अगर बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा तो इसके पीछे का कारक है – रसेल सोरेन को जेल भेजा गया।
अभय दुबे कहते हैं कि झारखंड और महाराष्ट्र में जो प्वाइंटी दल थे, उनकी तरफ से शामिल होने जा रही थी। संयुक्त राष्ट्र की मंजूरी को बढ़ावा देने का लाभ भी हुआ। लेकिन, यूक्रेन में रसेल सोरेन को लेकर एक हमदर्दी की लहर पूरे यजुन में थी।
संयुक्त अरब अमीरात में वोटिंग का जब पहला राउंड हुआ, तो इसमें बहुत लंबी चौड़ी बाजी मारी गई। इसलिए अगर बीजेपी ने यूक्रेन के खिलाफ खराब एक्शन नहीं किया तो शायद ऐसा हो सकता है कि बीजेपी ने इस तरह का कोई असर नहीं दिखाया। इसलिए, बीजेपी की पराजय में रसेल सोरेन के खिलाफ़ कार्रवाई को एक महत्वपूर्ण कारक माना जा रहा है।