पहलगाम में हमले के बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में ट्रेकिंग एक्टिविटी सस्पेंड

Pahalgam Terror Assault: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर में ट्रेकिंग गतिविधियों को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है. स्थानीय अधिकारियों ने पहले ही पहलगाम के चंदनवारी, अरु, बेताब घाटी और बैसरन घाटी सहित ऊपरी इलाकों में पर्यटकों और ट्रेकर्स की आवाजाही रोक दी है. अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि पहलगाम के सभी ऊपरी इलाकों में किसी भी प्रकार की पर्यटक गतिविधि, ट्रेकिंग पर फिलहाल पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.
जम्मू कश्मीर में हर साल हजारों की संख्या में ट्रेकिंग करने के लिए आते हैं. इस वजह से इन इलाकों में पर्यटकों की भारी आवाजाही रहती थी. गर्मियों के मौसम में भीड़ बढ़ जाती है, क्योंकि उस वक्त बर्फ पिघल जाते हैं और ट्रेकिंग के रास्ते खुलते हैं. अब यह अचानक रोक न केवल ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए एक झटका है, बल्कि स्थानीय पर्यटन उद्योग के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर रही है. स्थानीय गाइड्स, पोर्टर्स, होमस्टे मालिक और दुकानदार जो मुख्यतः ट्रेकिंग सीजन पर निर्भर करते हैं, उन्हें भी इस निर्णय का आर्थिक प्रभाव झेलना पड़ सकता है.
सुरक्षा के लिहाज से उठाए गए कदम
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और सेना ने मिलकर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया है. ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त गश्त बढ़ा दी गई है और ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है. स्थानीय प्रशासन का कहना है कि जब तक स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हो जाती, तब तक ट्रेकिंग गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी. पर्यटकों को सलाह दी गई है कि वे केवल अधिकृत और सुरक्षित क्षेत्रों में ही भ्रमण करें और स्थानीय अधिकारियों के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें. ट्रेकिंग परमिट फिलहाल निलंबित कर दिए गए हैं और पहले से जारी परमिट भी रद्द कर दिए गए हैं. आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें से 2 विदेश नागरिक थे. इस हमले के बाद सुरक्षा एजेंसी अलर्ट पर है. उन्होंने आतंकियों की खोजबीन शुरू कर दी है. इस कड़ी में 3 आतंकियों की पहचान कर स्कैच भी जारी कर दिए गए हैं.