पीएम मोदी ने किरेन रिजिजू को सौंपी चादर, अजमेर दरगाह पर चढ़ाई जाएगी
Ajmer Sharif Dargah: पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से अजमेर दरगाह को भेंट की गई चादर को लेकर शुक्रवार (3 जनवरी 2025) को केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी निजामुद्दीन औलिया दरगाह पर जाएंगे. दोनों सुबह 9.30 बजे दरगाह पर पहुंचेंगे. पीएम की ओर से भेंट की गई इस चादर को निजामुद्दीन औलिया दरगाह में ले जाने के बाद अजमेर दरगाह पर पेश की जाएगी.
केंद्रीय मंत्री किरन रिजीजू ने एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर अजमेर शरीफ दरगाह पर उनकी ओर से चढ़ाई जाने वाली चादर पेश की. यह भाव भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत और सद्भाव और करुणा के स्थायी संदेश के प्रति उनके गहरे सम्मान को दर्शाता है.”
PM @narendramodi ji offered the Chadar that may be supplied on his behalf on the Ajmer Sharif Dargah on the Urs of Khwaja Moinuddin Chishti.
This gesture displays his deep respect for India’s wealthy non secular heritage and the enduring message of concord and compassion. pic.twitter.com/m3jTR0MjV7
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) January 2, 2025
उर्स शरीफ उत्सव क्या है?
उर्स शरीफ का उत्सव हर साल राजस्थान के अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर मनाया जाता है. मोइनुद्दीन चिश्ती की पुण्यतिथि को उर्स के नाम से जाना जाता है. यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक घटना है जो बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती है. यह उत्सव छह दिनों तक चलता है और इसमें विभिन्न अनुष्ठान और आध्यात्मिक समारोह शामिल होते हैं.
कब मनाया जाता है उर्स
अजमेर शरीफ में उर्स हर साल इस्लामिक कैलेंडर रजब में मनाया जाता है. चांद दिखने के बाद ही उर्स की शुरुआत होती है. यदि किसी कारण चांद दिखाई नहीं देता है तो फिर अगले दिन से छह दिनों के लिए उर्स की रस्में शुरू होती हैं. छठे दिन को उर्स-ए-छठी शरीफ कहा जाता है. इस साल 813वें उर्स महोत्सव की शरुआत 31 दिसंबर 2024 से हो चुकी है. उर्स के दौरान दरगार परिसर में रातभर जिक्र और कव्वाली होती है. देश-दुनिया से लाखों श्रद्धालु इस दौरान अजमेर पहुंचते हैं.
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