पोप फ्रांसिस के निधन पर भारत में 3 दिनों का राजकीय शोक, सरकारी भवनों पर आधा झुका रहेगा ध्वज

भारत सरकार ने सोमवार (21 अप्रेल) को पोप फ्रांसिस के निधन पर उनके सम्मान में तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की. फ्रांसिस का सोमवार को निधन हो गया. वह 88 वर्ष के थे. गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल को निधन हो गया. उनके सम्मान में पूरे भारत में तीन दिवसीय राजकीय शोक रखा जाएगा.’’
बयान में कहा गया कि इसके अनुसार, 22 अप्रैल (मंगलवार) और 23 अप्रैल (बुधवार) को दो दिन का राजकीय शोक रहेगा. इसके अलावा, अंतिम संस्कार के दिन एक दिन का राजकीय शोक रहेगा. बयान में कहा गया कि राजकीय शोक की अवधि के दौरान पूरे भारत में उन सभी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा जहां नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है. शोक की अवधि के दौरान मनोरंजन का कोई आधिकारिक कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा.
पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि दुनिया भर में लाखों लोग उन्हें हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे.
पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “परम पावन पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है. दुख और स्मरण की इस घड़ी में वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं. पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोगों द्वारा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में हमेशा याद किया जाएगा.” उन्होंने कहा, “छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था. उन्होंने गरीबों और दलितों की लगन से सेवा की. जो लोग पीड़ित थे, उनके मन में उन्होंने आशा की भावना जगाई.”
इन बड़े नेताओं ने भी जताया दुख
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पोप की “करुणा और बेहतर विश्व के निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता” पोप के तौर पर उनके कार्यों को परिभाषित करती है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि फ्रांसिस को मानव समाज, विशेष रूप से गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों के प्रति उनकी उल्लेखनीय सेवा के लिए याद किया जाएगा.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया और इसे “मानवता के लिए क्षति” बताया. उन्होंने कहा, “हम उनके निधन से दुखी हैं, जो एक बड़ी क्षति है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उनका जीवन गरीबों के लिए करुणा तथा दुनिया के लिए उम्मीद था.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पोप फ्रांसिस के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि वह अंतर-धार्मिक मेलजोल के पैरोकार और उत्कृष्ट मानवतावादी थे जो अपने पीछे एक अत्यंत मूल्यवान विरासत छोड़कर गए हैं.
खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘पोप फ्रांसिस के निधन से पूरी दुनिया दुखी है. उन्हें भावी पीढ़ी बेहद प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में देखेगी. वह अंतर-धार्मिक समझ और संपर्क के निरंतर समर्थक थे. वह वैश्विक शांति और सद्भाव की दिशा में काम करने वाली बहुत प्रभावशाली शक्ति थे, जिन्होंने सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने, आर्थिक असमानताओं को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों जैसे कार्यों का सक्रिय रूप से समर्थन किया.”
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘करुणा, न्याय और शांति की वैश्विक आवाज पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा दुख हुआ. वह कमजोर और हाशिये पर पड़े लोगों के साथ खड़े रहे, असमानता के खिलाफ निडर होकर बात की और प्रेम एवं मानवता के अपने संदेश से विभिन्न धर्मों के लाखों लोगों को प्रेरित किया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी संवेदनाएं भारत और दुनिया भर में कैथोलिक समुदाय के साथ हैं.’’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कैथोलिक ईसाई समुदाय के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं वैश्विक कैथोलिक समुदाय के साथ हैं.’’ बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पोप फ्रांसिस को करुणा, विनम्रता और उदात्त सेवा भावना के लिए सदैव याद किया जाएगा. ईश्वर से प्रार्थना है कि वह उनके शोकाकुल अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.’’
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