फिर से गरमाया महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद, बीजेपी नेता बोले- कन्नड़ का अपमान, अक्षम्य अपराध
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Karnataka Bjp On Border Row: कर्नाटक में भाजपा ने रविवार (23 फरवरी, 2025) को सीमा विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कन्नड़ और राज्य का अपमान करने के प्रयासों की निंदा की और इसे अक्षम्य अपराध करार दिया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा कि कन्नड़ और कर्नाटक का अपमान करने वालों को माफ नहीं किया जा सकता.
उन्होंने कहा कि यह राज्य के भीतर किया गया एक अक्षम्य कृत्य है. उन्होंने कर्नाटक के नागरिकों से ऐसी आक्रामकता के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की. इस बयान के बाद महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद एक बार फिर गर्मा गया है.
मराठी भाषा को लेकर बेलगावी में विवाद
बेलगावी में शुक्रवार को कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) के एक बस चालक और कंडक्टर पर हमला हुआ. क्योंकि उन्होंने मराठी में बात करने से मना कर दिया था. इसी के जवाब में कर्नाटक के चित्रदुर्ग में महाराष्ट्र राज्य परिवहन (MSRTC) के बस चालक पर हमला हुआ. इन घटनाओं से दोनों राज्यों के बीच तनाव और गहरा गया है.
महाराष्ट्र सरकार की प्रतिक्रिया: बस सेवाएं निलंबित
महाराष्ट्र सरकार ने कोल्हापुर से कर्नाटक के लिए जाने वाली बस सेवाएं अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दी हैं. महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा, “जब तक कर्नाटक सरकार इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख नहीं अपनाती और महाराष्ट्र सरकार से चर्चा नहीं करती, तब तक बस सेवाएं बंद रहेंगी.” इस फैसले से दोनों राज्यों के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
शिवसेना (यूबीटी) की केंद्र से मांग
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप करने की मांग की. उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बैठक कर इस तनाव को खत्म करना चाहिए.शनिवार को पुणे में शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. कर्नाटक नंबर प्लेट वाली बसों पर कालिख पोत दी गई.
क्या है कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद?
बेलगावी (पूर्व में बेलगाम) क्षेत्र को लेकर दशकों से कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच विवाद चल रहा है. महाराष्ट्र का दावा: बेलगावी और उसके आसपास के मराठी भाषी इलाके महाराष्ट्र का हिस्सा होने चाहिए. कर्नाटक का दावा है कि बेलगावी ऐतिहासिक रूप से कर्नाटक का अभिन्न हिस्सा है और इसे राज्य से अलग नहीं किया जा सकता.
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