भारत-रूस संबंधों की वर्षगांठ से पहले कीव में भारतीय कंपनी पर मिसाइल अटैक, धू-धू कर जला गोदाम

भारत-रूस संबंधों की वर्षगांठ से पहले कीव में भारतीय कंपनी पर मिसाइल अटैक, धू-धू कर जला गोदाम

Assault on Indian Firm in Ukraine : भारत और रूस के राजनयिक संबंधों की 78वीं वर्षगांठ से ठीक पहले यूक्रेन की राजधानी कीव में एक भारतीय दवा कंपनी के गोदाम पर हुए मिसाइल अटैक से सनसनी फैल गई है. यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि भारतीय गोदाम पर हमला रूस ने किया है. हमले के बाद पूरा गोदाम धू-धू कर जलने लगा. हालांकि, हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. हमले पर यूक्रेन ने भारत और रूस की मित्रतापूर्ण संबंधों पर कटाक्ष किया है.

राजनाथ सिंह कर सकते हैं विक्ट्री-डे परेड में भारत का नेतृत्व

ये हमला ऐसे समय में हुआ है जब रूस ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले महीने (9 मई) मॉस्को में होने वाली विक्ट्री-डे परेड में अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है. हालांकि, भारत की तरफ से विक्ट्री-डे परेड में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह प्रतिनिधित्व कर सकते हैं.

यूक्रेनी दूतावास से गोदाम पर हमले को लेकर कसा तंज

जिस दवा कंपनी के गोदाम पर हमला हुआ है उसकी पहचान कुसुम हेल्थकेयर के नाम से हुई है. दिल्ली की इस दवा कंपनी का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट यूक्रेन के सुमी प्रांत में है और गोदाम कीव में है.

गोदाम पर हुए मिसाइल अटैक पर राजधानी दिल्ली स्थित यूक्रेन की एंबेसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “रूसी मिसाइल ने कीव में भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनी कुसुम के गोदाम पर हमला किया, जिससे गोदाम जलकर खाक हो गया है.” दूतावास ने तंज कसते हुए लिखा, “रूस ने भारत के साथ विशेष संबंधों के बावजूद जानबूझकर भारतीय व्यवसायों को निशाना बनाया गया है.”

फार्मा कंपनी के गोदाम पर हमले को बोले ब्रिटेन के राजदूत

यूक्रेन में ब्रिटेन के राजदूत मार्टिन हैरिस ने भी एक्स पर पोस्ट कर दावा किया कि “रूस की ड्रोन अटैक में भारत की प्रमुख फार्मास्युटिकल कंपनी कुसुम के दवाइयों को निशाना बनाया गया और उसे तबाह कर दिया गया. यूक्रेन के नागरिकों के खिलाफ रूस का आतंक अभियान जारी है.”

हालांकि, कुसुम फार्मास्युटिकल कंपनी की ओर से कोई बयान नहीं जारी किया गया है. इसके अलावा भारत और रूस की तरफ से भी इस हमले को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

भारत से संबंधों की वर्षगांठ पर रूसी राजदूत का संदेश

नई दिल्ली स्थित रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने भारत के साथ संबंधों की 78वीं वर्षगांठ पर अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “हमारे भारतीय मित्रों को हार्दिक शुभकामनाएं. हमारी अट्टू मित्रता, आपसी सम्मान और रणनीतिक साझेदारी हमारे लिए गर्व का विषय है. हम इन अनमोल संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जय रूस, जय हिंद.”

उल्लेखनीय है कि हर साल 13 अप्रैल को भारत और रूस के बीच राजनयिक संबंधों की वर्षगांठ मनाई जाती है. रूस, दुनिया का पहला देश था जिसने 1947 में आजादी से पहले ही भारत को एक स्वतंत्र देश घोषित कर कूटनीतिक संबंध स्थापित कर लिए हैं. 13 अप्रैल, 1947 को रूस ने भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानकर मित्रतापूर्ण संबंध स्थापित किए थे.

9 मई को रूस जा सकते हैं पीएम मोदी या राजनाथ सिंह, इस साल पुतिन आ सकते हैं भारत

भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि इस साल 9 मई को रूस के विक्ट्री डे में शामिल होने के लिए पीएम मोदी को पुतिन की ओर से निमंत्रण भेजा गया है. माना जा रहा है कि पीएम मोदी रूस जा सकते हैं, कार्यक्रम को तय किया जा रहा है. वहीं पीएम मोदी ने भी पुतिन को भारत दौरे के लिए न्योता दिया है.

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने हाल ही में कहा था कि पीएम मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में सबसे पहले रूस आकर मित्रता निभाई है और अब हमारी (रूस) की बारी है.

दरअसल, इस साल 9 मई को द्वितीय विश्वयुद्ध में नाजी हिटलर की जर्मनी पर जीत के 80 साल पूरे हो रहे हैं. ऐसे में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को 9 मई को मॉस्को के रेड स्क्वायर में आयोजित होने वाली भव्य सैन्य परेड में शामिल होने का निमंत्रण भेजा है. भारत ने फिलहाल मॉस्को दौरे को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है. लेकिन माना जा रहा है कि परेड में भारत का प्रतिनिधित्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर सकते हैं.

यूक्रेन युद्ध को लेकर क्या रहा है भारत का रुख?

पीएम मोदी ने शुरुआत से ही कहा है, “युद्ध को लेकर शांति वार्ता होनी चाहिए, क्योंकि ये युग युद्ध का नहीं है.” पीएम मोदी ने पुतिन के साथ-साथ यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को भी युद्ध समाप्ति की दिशा में कदम उठाने का आग्रह किया था.

पीएम मोदी ने रूस के साथ-साथ यूक्रेन का भी दौरा किया था. पुतिन और जेलेंस्की भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि युद्ध समाप्ति की दिशा में भारत कदम उठा सकता है. हाल ही में लेक्स फ्रिडमैन के पॉडकास्ट में भी पीएम मोदी ने कहा था कि “रूस और यूक्रेन के बीच संवाद ही इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने का एकमात्र रास्ता है. भारत तटस्थ नहीं, बल्कि शांति के पक्ष में है.”

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