‘मुझे मिला था वो एक वोट’, 1999 में कैसे गिर गई थी वाजपेयी सरकार? शरद पवार ने किया खुलासा
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Sharad Pawar On Atal Bihari Vajpayee Authorities: 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सिर्फ एक वोट से गिर गई थी. लोकसभा में एक वोट से ये सरकार अविश्वास प्रस्ताव हार गई थी. इसको लेकर लगभग दो दशक बाद एनसीपी चीफ शरद पवार ने खुलासा किया कि एनडीए का वो एक वोट उन्हें मिला था.
एनसीपी चीफ पवार ने गुरुवार (21 फरवरी, 2025) को दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में नीलेश कुमार कुलकर्णी की मराठी किताब ‘संसद भवन ते द सेंट्रल विस्टा’ के विमोचन के मौके पर यह खुलासा किया. उन्होंने 1999 के उस घटनाक्रम के बारे में बात की, जब वे वाजपेयी सरकार के दौरान विपक्ष के नेता थे.
क्या बोले शरद पवार?
बीते घटनाक्रम को याद करते हुए उन्होंने कहा, “मैं उस समय संसद में विपक्ष का नेता था. जब हम विपक्ष में थे, तब उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. यह प्रस्ताव एक वोट से पारित हुआ था. अब मैं आपको बता रहा हूं कि मैंने वह वोट कैसे हासिल किया. अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद एक ब्रेक था. उस दौरान मैं बाहर गया और किसी से बात की और वापस आ गया. सरकार एक वोट से गिर गई क्योंकि सत्तारूढ़ दल के एक व्यक्ति ने कुछ और फैसला कर लिया था. लेकिन मैं ये नहीं बताऊंगा कि मैंने किससे बात की और कैसे किया.”
जब एक वोट के चलते गिर गई थी एनडीए सरकार
17 अप्रैल 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लोकसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित करना था लेकिन उस दिन वाजपेयी सरकार को 269 वोट मिले जबकि सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ 270 वोट पड़े. इसके चलते तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी को इस्तीफा देना पड़ा और उनकी सरकार गिर गई.
इसके अलावा, पवार ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के साथ बिताए पुराने दिनों को याद किया. उन्होंने कहा कि बाल ठाकरे उन्हें शरद बाबू कहकर पुकारते थे. पवार ने कहा, “सबके चले जाने के बाद बालासाहेब ठाकरे मुझसे सौहार्दपूर्ण तरीके से बात करते थे और मुझे शरद बाबू कहकर पुकारते थे. फोन पर वे कहते थे, शरद बाबू, क्या मैं आपसे मिलने आऊं या आप आ रहे हैं?”
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