मोदी की अपील ने किया बड़ा काम! देश में ही डेस्टिनेशन वेकेशन का उन्नत पात्र

मोदी की अपील ने किया बड़ा काम! देश में ही डेस्टिनेशन वेकेशन का उन्नत पात्र


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पिछले साल 26 नवंबर, 2023 को मन की बात कार्यक्रम में विदेश में डेस्टिनेशन शादियों के बजाय भारत में ही उपलब्ध बेहतरीन जगहों पर डेस्टिनेशन शादियां करने की अपील लोगों ने नामांकित से ली थी, जो इस साल देश में ही डेस्टिनेशन शादिया की थी। संख्या में काफी वृद्धि हुई है.

भारतीय लोगों के ओर से गंतव्य स्थानों के प्रकाशन के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक सर्वेक्षण नहीं हुआ है, इसलिए यह पता लगाना मुश्किल है कि यह व्यवसाय होगा, लेकिन फिर भी प्रधानमंत्री के बयान के बाद जब भी मामले को उजागर करने की कोशिश की गई तो यह मोटा हो गया। अनुमान लगभग यह है कि लगभग 5 हजार डेस्टिनेशन शादियां चित्रों में शामिल हैं, जिसमें 50 हजार करोड़ रुपये से लेकर 75 हजार करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया जा सकता है।

विदेश में डेस्टिनेशन वेकेशन को लेकर कलाकार ने रखी थी चिंता

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्रा पर जो चिंता व्यक्त की गई है, उस पर यदि सार्थक चर्चा हो तो यह देश के घरेलू व्यापार और भारतीय उद्योग में एक है। परिवर्तन की शुरुआत हो सकती है।

विदेश को मिल रहा बड़ा व्यापार

भरतिया ने कहा कि यह एक सर्वविदित तथ्य है कि भारत में एक वर्ग चरित्र में गंतव्य कलाकारों को स्टेटस सिंबल दर्शाया जा रहा है और इसलिए अन्य देशों में विवाह समारोह करने की बजाय विदेश में विवाह करना अपना शान चिह्न है, यही कारण है कि भारत के लोगों का एक बड़ा व्यापार विदेश को मिल जाता है.

भारत में डेस्टिनेशन वेकेशन के प्रमुख स्थान

देश के विभिन्न राज्यों में कुछ प्रमुख स्थान ऐसे हैं जहां बड़े पैमाने पर गंतव्य स्थान हैं, जिनमें मुख्य रूप से गोवा, महाराष्ट्र में लोनावाला, महाबलेश्वर, मुंबई, शिरडी, नासिक, नागपुर, गुजरात में द्वारिका, फिरोजाबाद, सूरत, क्रेडिट, मध्य शामिल हैं। प्रदेश में ओरहा, केके, मजूआरी, भोपाल, इंदौर, राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, ओके, कोलकाता, कोलकाता, उत्तर प्रदेश में मथुरा, वृंदावन, आगरा, वाराणसी, कानपुर, दक्षिण भारत में चेन्नई, यादगिरी हिल, यूटी, बैंगलोर, बेंगलुरु , भगवान, कोचीन, ट्राइची, कोयंबटूर, पांडिचेरी सहित दिल्ली में पीओके, गुड़गांव, मानेसर, बहादुरगढ़, और पंजाब-हरियाणा में चंडीगढ़, मोहाली, अमृतसर और जम्मू के नाम शामिल हैं।

देश के व्यापार एवं उद्योग को बल मिलेगा

प्रधानमंत्री की चिंता जायज है, इस बात पर ध्यान दें कि भारत के धन देश में भारी खर्च हो रहा है कि भावना के साथ सामुदायिक गंतव्य स्थल यदि अपने भारतीय देश में ही हैं तो केवल संस्कार को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा बल्कि देश के व्यापार और अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा और बड़ी मात्रा में स्थिर एवं अल्पावधि रोजगार भी उपलब्ध होंगे।

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