यूनुस सरकार डाल रही आग में घी! शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर बांग्लादेश को ऊपर भड़के बेटे सजीब

यूनुस सरकार डाल रही आग में घी! शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर बांग्लादेश को ऊपर भड़के बेटे सजीब

Sajeeb Wazed on Sheikh Hasina Extradition: बांग्लादेश की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग को लेकर उनके बेटे सजीब वाजेद का रिएक्शन सामने आया है. सजीब वाजेद ने मोहम्मद यूनुस पर अंतरिम सरकार पर आरोप लगाया है कि वह राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही है. वह बोले कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में शेख हसीना के खिलाफ दिखावटी मुकदमे चलाए जा रहे हैं. शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद का ये रिएक्शन मंगलवार (24 दिसंबर, 2024) को आया. बीते रोज सोमवार (23 दिसंबर, 2024) को बांग्लादेश ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक लेटर भेजा गया था. बांग्लादेश की सरकार देश में स्थिति को ठीक करने के बजाय आग में घी डालने का काम कर रही है. 

बांग्लादेश की ओर से शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर सजीब वाजेद ने कहा, “कंगारू ट्रिब्यूनल और शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध तब आता है जब सैकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं को मार दिया जाता है. उन पर अपमानजनक हत्या के आरोप लगाए जाते हैं, कानून प्रवर्तन की ओर से हजारों लोगों को अवैध रूप के कैद किया जाता है और हर रोज लूटपाट, बर्बरता और आगजनी समेत कई हिंसक हमले होते हैं और यूनुस सरकार इनको रोकने के लिए कुछ नहीं कर रही है.  

अवामी लीग को परेशान कर रही यूनुस सरकार

सजीब वाजेद ने कहा कि बांग्लादेश की ओर से किया गया अनुरोध एक हताश प्रयास है. वह केवल अवामी लीग को परेशान कर रहे है. यूनुस सरकार की ओर से नियुक्त ICT ट्रिब्यूनल के मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने आवामी लीग की पार्टी अध्यक्ष शेख हसीना के खिलाफ जानबूझकर गलत सूचना अभियान चलाया क्योंकि उन्होंने दावा किया कि इंटरपोल ने उनके खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था. ये शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने और मोहम्मद यूनुस का एक हताश प्रयास था, लेकिन उन्होंने बाद में मीडिया में झूठ सामने आ गया और अब भारत से आधिकारिक रूप से उनके प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध भेजा है. 

‘हमें बांग्लादेश की न्याय प्रणाली पर भरोसा नहीं’

सजीब वाजेद ने आगे कहा, “हम अपनी स्थिति को दोहराते हैं कि जुलाई और अगस्त के बीच मानवाधिकार उल्लंघन की हर एक घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से जांच की जानी चाहिए, लेकिन यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने न्यायपालिका को हथियार बना दिया है और हम न्याय प्रणाली पर कोई भरोसा नहीं करते हैं.

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