‘राहुल गांधी 3 लाख वोट से ही जीत पाए, करीमगंज में तो…’, सुधांशु त्रिवेदी ने क्यों कही ये बात

‘राहुल गांधी 3 लाख वोट से ही जीत पाए, करीमगंज में तो…’, सुधांशु त्रिवेदी ने क्यों कही ये बात

Sudhanshu Trivedi On Hindutva: बीजेपी प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधाशु त्रिवेदी ने हिंदुत्व और देश के विभाजन को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने दावा किया है कि अगर जिस समय देश को आजादी मिली और बंटवारा हुआ, उस वक्त भारतीय जनता पार्टी होती और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री होते तो इस देश का बंटवारा कभी नहीं होता.

एक टीवी के डिबेट शो में बोलते हुए उन्होंने कहा, “मैं इतना कह सकता हूं कि अगर उस दौर में बीजेपी होती तो इस देश के विभाजन नहीं हो सकता था. अगर उस दौर में नरेंद्र मोदी होते और बीजेपी होती और उतनी ही शक्तिशाली होती, जितनी आज है तो मैं इस बात को दावे के साथ कह सकता हूं कि देश का विभाजन चाहने वाली शक्तियों के हौसले पस्त हो गए होते.”

योगी आदित्यनाथ के डीएनए वाली बात पर क्या बोले त्रिवेदी?

डीएनए को लेकर उन्होंने कहा, “योगी आदित्यनाथ ने डीएनए की बात इसलिए की क्योंकि इस देश में ऐसे लोग मौजूद हैं जो कहते हैं कि हमने 800 साल तक इस देश पर हुकूमत की और उनके वीडियो भी मौजूद हैं. अगर ऐसे लोगों को डीएनए करा लिया जाए तो सब यहीं के निकलेंगे लेकिन कहते हैं कि बाहर का है. इनका या तो रघुवर का डीएनए होता या यदुवर का बाबर का डीएनए नहीं है. अफसोस इस बात का है कि लोगों के जहन में बाबरियत इस कदर छा गई है कि वो बाहर नहीं आ पा रहे हैं.”

बांग्लादेश को लेकर क्या बोले सुधांशु त्रिवेदी?

उन्होंने आगे कहा, “जो 16 अगस्त 1946 को बंगाल में जो हुआ जब जिन्ना ने डायरेक्ट एक्शन डे का ऐलान कर दिया. बांग्लादेश की अगर बात करें तो शशि थरूर वहां के अखबार के लिए आर्टिकल लिखते हैं और कहते हैं कि मोदी को जाना होगा. मुस्लिम बहुल सीट पर मुसलमानों की खिलाफत करके जीतने मुश्किल है. असम में जाएंगे तो डुमरी को मिनी बांग्लादेश कहा जाता है. वहीं करीमगंज से मुस्लिम उम्मीदवार 10 लाख से ज्यादा वोटों से जीता और राहुल गांधी को तो सिर्फ 3 लाख वोटों से जीत मिली थी तो समझ जाइए कि शशि थरूर ने क्यों आर्टिकल लिखा था.”

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