‘संभल मस्जिद की रंगाई-पुताई का आदेश देना गलत’, हाईकोर्ट के फैसले को SC में चुनौती

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (1 अप्रैल, 2025) को संभल मस्जिद को लेकर दाखिल उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी. पिछले महीने हाईकोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को मस्जिद की बाहरी दीवारों की साफ-सफाई और रंगाई-पुताई का आदेश दिया था.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार हाईकोर्ट के आदेश के बाद 16 मार्च से उत्तर प्रदेश की संभल शाही मस्जिद की पुताई का काम शुरू कर दिया गया था. हाईकोर्ट के फैसले को यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है कि अदालत की ओर से यह निर्देश दिया जाना गलत है. मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार के सामने यह मामला रखा गया.
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा, ‘हम इस याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं इसलिए याचिका खारिज की जाती है.’ हाईकोर्ट ने पिछले महीने साल 1927 में मस्जिद प्रबंधन कमेटी और एएसआई के बीच हुए एग्रीमेंट के अनुसार आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को मस्जिद पर पुताई करने का आदेश दिया था.
25 फरवरी को मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रमजान से पहले मस्जिद की सफाई और रंगाई-पुताई की मांग की थी. 27 फरवरी को याचिका पर सुनवाई हुई और एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई. कमेटी ने कोर्ट के सामने रिपोर्ट पेश की और 12 मार्च को हाईकोर्ट ने एएसआई को मस्जिद की रंगाई-पुताई का आदेश दिया. कोर्ट ने आदेश में सिर्फ उन्हीं हिस्सों की पुताई का आदेश दिया था, जहां पर जरूरत थी. 28 फरवरी को हाईकोर्ट ने मस्जिद की सफाई का आदेश दिया था, लेकिन रमजान से पहले सफेदी करने की अनुमति नहीं दी थी. 12 मार्च को सफेदी का आदेश देते हुए कोर्ट ने 1 हफ्ते का समय दिया था.
संभल मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा है. संभल ट्रयल कोर्ट में अलग-अलग लोगों ने याचिका दाखिल कर दावा किय है कि श्री हरिहर मंदिर को तुड़ावकर मुगल शासक बाबर ने मस्जिद बनवा दी थी. 19 नवंबर, 2024 को ट्रायल कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था, लेकिन जब सर्वे के लिए टीम वहां पहुंची तो हिंसा भड़क गई, जिसमें चार लोगों की जान चली गई. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और सर्वेक्षण पर रोक लगा दी गई थी.
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