सहारा ग्रुप पर ED का बड़ा एक्शन! देशभर की 1023 एकड़ जमीन अटैच, 1538 करोड़ आंकी गई कीमत

सहारा ग्रुप पर ED का बड़ा एक्शन!  देशभर की 1023 एकड़ जमीन अटैच, 1538 करोड़ आंकी गई कीमत

ED Motion On  Sahara Group: कोलकाता ED जोनल ऑफिस ने सहारा ग्रुप की कंपनी Sahara Prime Metropolis Restricted की 1023 एकड़ जमीन अटैच कर दी है. इन जमीनों की वैल्यू करीब 1538 करोड़ रुपए आंकी गई है (2016 के सर्कल रेट के हिसाब से). ये जमीनें देश के 16 शहरों में फैली हुई हैं, जो बेनामी नामों से खरीदी गई थीं.

ED की जांच में सामने आया है कि ये ज़मीनें उन पैसों से खरीदी गई थीं जो सहारा ग्रुप की कंपनियों से डायवर्ट किए गए थे. ED ने बताया कि सहारा ग्रुप की कई कंपनियां और कोऑपरेटिव सोसायटीज़ मिलकर एक Ponzi Scheme चला रही थीं, जिसमें लोगों से पैसे लेकर उन्हें जबरन दोबारा निवेश करने को कहा जाता था और मैच्योरिटी के पैसे नहीं लौटाए जाते थे.

सहारा ग्रुप की कंपनी संपत्तियां देश के 16 शहरों में फैली हैं, जो निम्नलिखित है:

Anand (गुजरात): 22.8 एकड़

Bhubaneshwar (उड़ीसा): 2.76 एकड़

Sindhudurg (महाराष्ट्र): 30.4 एकड़

Hubli-Dharwad (कर्नाटक): 123.5 एकड़

Jaipur (राजस्थान): 61.7 एकड़

Jammu (J&Ok): 115.1 एकड़

Mysore (कर्नाटक): 73.8 एकड़

Roorkee (उत्तराखंड): 51.3 एकड़

Shimoga (कर्नाटक): 29.9 एकड़

Solapur (महाराष्ट्र): 125.5 एकड़

Lalitpur (यूपी): 6.63 एकड़

Lucknow (यूपी): 107.6 एकड़

Behrampur (ओडिशा): 2.4 एकड़

Bikaner (राजस्थान): 248.5 एकड़ (दो लोकेशन मिलाकर)

Moradabad (यूपी): 21.6 एकड़

ED ने 3 अलग-अलग FIR के आधार पर शुरू की कार्रवाई
ED ने ये कार्रवाई 3 अलग-अलग FIR के आधार पर शुरू की थी, जो Humara India Credit score Cooperative Society Ltd. और अन्य सहारा कंपनियों के खिलाफ उड़ीसा, बिहार और राजस्थान पुलिस ने दर्ज की थीं. बाद में 500 से ज्यादा FIR और सामने आईं, जिनमें आरोप है कि लोगों से धोखे से पैसा लिया गया और जब पैसा लौटाने का समय आया तो उन्हें परेशान किया गया.

ED की जांच में क्या आया सामने
ED की जांच में सामने आया कि सहारा ग्रुप की कंपनियां बिना रेगुलेशन के लोगों से पैसा इकट्ठा कर रही थीं. जब लोगों का पैसा मैच्योर हुआ तो उन्हें जबरदस्ती दूसरी स्कीम में पैसा ट्रांसफर करवाया गया. इसके अलावा ग्राहकों के खातों में हेराफेरी कर दिखाया गया कि उनके पैसे वापस कर दिए गए हैं, जबकि असल में पैसा कहीं और निवेश करवा दिया गया था. नए डिपॉजिट्स लेकर पुराने निवेशकों को चुप कराने की कोशिश की गई, जो कि पोंजी स्कीम का तरीका है.

कई प्रॉपर्टीज बेची गईं 
कई प्रॉपर्टीज बेची गईं और कैश में पेमेंट ली गई, जिससे डिपॉजिटर्स को नुकसान हुआ.अभी तक 1023 एकड़ ज़मीन अटैच की गई है. पहले भी अम्बी वैली की 707 एकड़ ज़मीन अटैच की जा चुकी है, जिसकी वैल्यू करीब 1460 करोड़ रुपए है.छापेमारी में 2.98 करोड़ रुपए कैश भी जब्त किया गया है.कई एजेंट्स, डिपॉजिटर्स और कर्मचारियों के बयान रिकॉर्ड किए गए हैं. अभी जांच जारी है और ED आगे और भी कड़ी कार्रवाई कर सकती है.

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