सांसद, मंत्री, राज्यपाल से उपराष्ट्रपति तक, जगदीप धनखड़ के राजनीतिक सफर की ये रही पूरी कहानी

भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार (21 जुलाई, 2025) को अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया. दो साल का कार्यकाल बाकी होने के बावजूद उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह स्वास्थ्य कारण बताए हैं. हालांकि, विपक्ष ने उनके इस फैसले के पीछे कुछ और कारण होने की आशंका जताई है.
74 वर्षीय धनखड़ ने अपने इस्तीफे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए लिखा, “यह मेरे लिए सम्मान की बात रही कि मैंने भारत की अभूतपूर्व प्रगति और आर्थिक विकास के इस परिवर्तनकारी दौर में योगदान दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है. मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है.”
किसान परिवार में हुआ था जगदीप धनखड़ का जन्म
जगदीप धनखड़ का जन्म राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. उन्होंने चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल और राजस्थान विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की. वे राजस्थान हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट में वकील रहे. यहीं से उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई.
राजनीतिक सफर: कांग्रेस से बीजेपी तक
धनखड़ ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी और पीवी नरसिम्हा राव सरकार में सांसद रहे. बाद में राजस्थान में अशोक गहलोत के उभार के समय उन्होंने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया. वे चंद्रशेखर सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे. वे ओबीसी समुदाय, विशेषकर राजस्थान के जाट समुदाय को ओबीसी आरक्षण दिलाने के मुद्दे को लेकर हमेशा एक्टिव रहे.
बंगाल के राज्यपाल के रूप में सख्त रवैया
2019 में उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया. अपने कार्यकाल में उन्होंने ममता बनर्जी सरकार पर कानून व्यवस्था, विश्वविद्यालयों की नियुक्तियों और संघीय ढांचे को लेकर कई बार तीखी टिप्पणियां कीं. इससे वे लगातार राजनीतिक चर्चाओं में बने रहे.
उपराष्ट्रपति के रूप में विपक्ष से टकराव
2022 में वे 528 वोटों से उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे. यह 1992 के बाद किसी उपराष्ट्रपति पद के लिए सबसे बड़ी जीत मानी गई, लेकिन राज्यसभा में विपक्ष के साथ उनका तीखा रवैया कई बार सुर्खियों में रहा. विपक्ष ने उन्हें पद से हटाने की कोशिश भी की थी, जिसे धनखड़ ने तंज कसते हुए कहा था, “यह ऐसा है जैसे जंग लगे सब्जी काटने वाले चाकू से बायपास सर्जरी की जाए.”
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