‘हर राज्य की राजधानी में बनेगा बालाजी मंदिर’, चंद्रबाबू नायडू का बड़ा एलान

‘हर राज्य की राजधानी में बनेगा बालाजी मंदिर’, चंद्रबाबू नायडू का बड़ा एलान

तिरुपति में अंतर्राष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन एवं एक्सपो (ITCX) 2025 के दूसरे संस्करण को संबोधित करते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने आत्मनिर्भर और तकनीकी आधारित मंदिर इको-सिस्टम का जिक्र किया. इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक, टीटीडी (TTD) के अध्यक्ष बीआर नायडू, और ITCX के संस्थापक गिरीश वासुदेव कुलकर्णी सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए.

सीएम नायडू ने ITCX को ‘मंदिरों का महाकुंभ’ बताते हुए कहा, ‘ये आयोजन मंदिर प्रशासन आर्थिक योगदान और सांस्कृतिक संरक्षण पर चर्चा को नया आयाम प्रदान करता है.

‘मंदिर अर्थव्यवस्था और वैश्विक धरोहर को सशक्त बनाना’
मुख्यमंत्री ने मंदिरों की बढ़ती भूमिका को आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया, ‘भारत में मंदिरों से जुड़ी गतिविधियों का अनुमानित वार्षिक मूल्य ₹6 लाख करोड़ है. उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के संस्थापक एनटीआर द्वारा 1983-84 में शुरू की गई अन्नदान योजना का उल्लेख किया, जो आज श्री वेंकटेश्वर मंदिर में ₹2,000 करोड़ के कोष तक पहुंच चुकी है. इसी तरह 2003 में शुरू की गई प्राणदानम योजना का ₹440 करोड़ का कोष आज भी जीवन रक्षा के लिए सहायक बना हुआ है.’

‘हर राज्य की राजधानी में बनेगा बालाजी मंदिर’
मुख्यमंत्री नायडू ने घोषणा की, कि उनकी सरकार हर राज्य की राजधानी और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शहरों में बालाजी मंदिरों की स्थापना करेगी. उन्होंने कहा, ‘तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) और ITCX मिलकर वैश्विक स्तर पर मंदिरों के विस्तार की योजना बनाएंगे, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक धरोहर से जोड़ने में मदद मिलेगी.’

‘मंदिर प्रबंधन में AI और तकनीक का उपयोग’
तकनीक के क्षेत्र में भारत की अग्रणी भूमिका का उल्लेख करते हुए सीएम नायडू ने AI, डिजिटल टूल और फिनटेक समाधान को मंदिर प्रशासन में एकीकृत करने का आह्वान किया. उन्होंने फंड प्रबंधन को अधिक पारदर्शी बनाने, AI-आधारित निगरानी, भीड़ नियंत्रण के लिए RFID टोकन और डिजिटल गवर्नेंस को लागू करने की जरूरत पर जोर दिया. मुख्यमंत्री ने बताया, ‘आंध्र प्रदेश सरकार पहले से ही IVRS-आधारित फीडबैक प्रणाली और मशीनीकृत स्वच्छता तकनीकों को मंदिरों में लागू कर रही है.’

राष्ट्रीय विकास के साथ मंदिरों को जोड़ना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ विजन के अनुरूप, चंद्रबाबू नायडू ने भारत की अपार वैश्विक क्षमता को रेखांकित किया. उन्होंने कहा, ‘भारत 2029 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2047 तक शीर्ष दो में शामिल होगा.’

ITCX का पहला सम्मेलन वाराणसी में हुआ था और अब इसका आयोजन तिरुपति में किया गया है. इसमें 1,581 मंदिरों के प्रतिनिधि, 685 वर्चुअल प्रतिभागी, 111 वक्ता, 15 कार्यशालाएं और 60 प्रदर्शनी स्टॉल शामिल हुए हैं.

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