6 हजार KMPH की स्पीड, 2 हजार KM की रेंज, भारत ने बना ली देश की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल, चीन-पाक

6 हजार KMPH की स्पीड, 2 हजार KM की रेंज, भारत ने बना ली देश की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल, चीन-पाक

Brahmos Hypersonic Glide Missile: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी दुनिया ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की ताकत देखी थी, लेकिन अब डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) भारत की हाइपरसोनिक मिसाइल पर तेजी से काम कर कर रहा है और जल्दी ही देश के पास पहली हाइपरसोनिक मिसाइल होगी. इसकी स्पीड सुपरसोनिक मिसाइल से करीब तीन गुना तेज होगी, जबकि रेंज करीब 5 गुना ज्यादा होगी. 

भारत की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल की तैयारी अपने अंतिम चरण में है. इसके तैयार होते ही कराची, लाहौर और इस्लामाबाद समेत पाकिस्तान का हर बड़ा शहर भारत की रेंज में आ जाएगा. ये मिसाइल महज 4 से 6 मिनट के अंदर अपना टारगेट बनाकर इन शहरों को तबाह कर देगी. ब्रह्मोस हाइपरसोनिक मिसाइल की रफ्तार करीब 6000 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है, जबकि इसकी रेंज करीब 2000 किमी तक होगी. 

अगले 2-3 सालों में ट्रायल हो जाएगा पूरा: DRDO चीफ

DRDO के चीफ डॉ. समीर वी. कामत ने NDTV को दिए इंटरव्यू में बताया कि भारत अब हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी पर तेजी से काम कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘हम इस दिशा में शुरुआती सफलताएं हासिल कर चुके हैं. अगले 2-3 साल में इसका फाइनल ट्रायल पूरा हो जाएगा. उसके बाद इसे सेना में शामिल कर लिया जाएगा.’

डॉ. कामत ने बताया कि ये मिसाइल हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) पर आधारित है, जिसका सफल परीक्षण भारत ने 2020 में ही कर लिया था.  

ब्रह्मोस हाइपरसोनिक मिसाइल क्या होगी खासियत? 

– ब्रह्मोस हाइपरसोनिक मिसाइल अपनी स्पीड, टेक्नोलॉजी और मारक क्षमता को देखते हुए दुनिया की चुनिंदा सबसे खास मिसाइलों में गिनी जा रही है. इस समय हाइपरसोनिक मिसाइलें दुनिया के सिर्फ 3-4 देशों के पास ही हैं. 

– हाइपरसोनिक मिसाइल की स्पीड इतनी ज्यादा होगी कि रडार इसे पकड़ नहीं पाएंगे. जब तक दुश्मन को इस मिसाइल की भनक लगेगी तब तक ये अपना टारगेट को तबाह कर चुकी होगी. इस दौरान दुश्मन को जवाब देने का समय ही नहीं मिलेगा. ये इसकी सबसे बड़ी विशेषता है. 

– यह मिसाइल काफी कम ऊंचाई पर उड़ान भरेगी, जिसकी वजह से इसको ट्रैक करना और रोकना बेहद मुश्किल हो जाएगा. इतना ही नहीं टारगेट के लिए फायर होने के बाद मिसाइल अपना रास्ता भी बदल सकती है. 

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