9 अगस्त को रेप-मर्डर, 10 को गिरफ्तारी… अब 161 दिन बाद फैसला आज, पढ़ें RG Kar Case की पूरी टाइ

RG Kar Rape Homicide case: पिछले साल 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर अर्धनग्न अवस्था में मृत पाई गई थी. जैसे ही यह मामला सामने आया तो महज कोलकाता ही नहीं बल्कि पूरे भारत में बवाल मचा. अब इस वारदात के पूरे 161 दिन बाद कोलकाता की एक सेशन कोर्ट इस मामले में आज (18 जनवरी 2025) फैसला सुनाएगी.
रेप-मर्डर के इस मामले में कोलकाता पुलिस के सिविक वालंटियर संजय रॉय को आरोपी बनाया गया था. वैसे तो इस मामले का ट्रायल 57 दिन पहले ही शुरू हो गया था लेकिन फैसले की घड़ी अब आई है. सियालदह अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की बेंच यह फैसला सुनाएगी.
देखें पूरी टाइमलाइन
9 अगस्त: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर अर्धनग्न अवस्था में मृत पाई गई. शव कॉलेज के सेमिनार हॉल की तीसरी मंजिल पर मिला.
10 अगस्त: शक की सुई कोलकाता पुलिस के सिविक वालंटियर संजय रॉय पर गई और उन्हें फौरन हिरासत में ले लिया गया. इसी दिन से पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया.
12 अगस्त: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस को साफ-साफ लहजे में मामले को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए कहा. उन्होंने पुलिस को सात दिन का वक्त दिया. उन्होंने यह भी कहा कि इस समयसीमा में केस नहीं सुलझा तो वह यह मामला सीबीआई को सौंप देंगी. इसी दिन भारी विरोध के चलते आरजी कर के प्रिंसिपल संदीप घोष ने अपना पद छोड़ दिया.
13 अगस्त: कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए इसे बेहद वीभत्स बताया और मामले को सीबीआई को सौंप दिया. कोर्ट ने इसके साथ ही विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से काम पर लौटने का निवेदन किया.
14 अगस्त: 25 सदस्यीय सीबीआई टीम गठित की गई. एक फोरेंसिक टीम भी बनी. इसी बीच सैकड़ों छात्र और सामाजिक संगठन और आम लोग सड़कों पर उतरे और इस जघन्य अपराध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.1
15 अगस्त: रात में भीड़ ने आरजी कर अस्पताल में घुसकर आपातकालीन विभाग और नर्सिंग स्टेशन में तोड़फोड़ की. इसके विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 17 अगस्त को 24 घंटे के लिए देशभर में सेवाएं बंद करने का आह्वान किया है.
16 अगस्त: पुलिस ने तोड़फोड़ के आरोपियों को धरपकड़ शुरू की और करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया.
18 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट ने तोड़फोड़ के इस पूरे मामले का स्वतः संज्ञान लिया और 20 अगस्त को सुनवाई की तारीख तय की.
19 अगस्त: CBI ने संदीप घोष से पूछताछ की. CBI को आरोपी का पॉलीग्राफ टेस्ट करने की अनुमति मिली.
20 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नेशनल प्रोटोकॉल तैयार करने के निर्देश दिए. इसके तहत 10 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और कोलकाता पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया.
21 अगस्त: केंद्र सरकार ने आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा संभालने के लिए केंद्रीय बलों को भेजा. इस दौरान कोलकाता पुलिस ने तोड़फोड़ के मामले में तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया.
24 अगस्त: लाई डिटेक्शन टेस्ट हुए. इसमें मुख्य आरोपी के साथ-साथ छह अन्य लोगों पर भी यह टेस्ट हुए.
25 अगस्त: CBI ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, पूर्व MSVP संजय वशिष्ठ व 13 अन्य के आवास पर छापा मारा.
26 अगस्त: पश्चिम बंग छात्र समाज ने नबन्ना अभियान मार्च की घोषणा की और ममता बनर्जी का इस्तीफा मांगा.
2 सितंबर: संदीप घोष की गिरफ्तारी हुई. उन्हें आरजी कर अस्पताल में वित्तीय धोखाधड़ी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया.
14 सितंबर: CBI ने कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया. उन पर संदीप घोष और बलात्कार और हत्या मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी और सबूत गायब होने का आरोप था.
3 अक्टूबर: पीड़िता को न्याय मिलने में हो रही देरी के चलते कोलकाता में WBJDF के डॉक्टर भूख हड़ताल पर बैठ गए.
7 अक्टूबर: CBI ने रेप-मर्डर के इस मामले में संजय रॉय को आरोपी बनाया और चार्जशीट दाखिल की.
21 अक्टूबर: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने WBJDF के डॉक्टरों को मनाया और डॉक्टरों की 17 दिन की भूख हड़ताल खत्म कर हुई.
11 नवंबर: आरजी कर रेप-मर्डर मामले का ट्रायल सियालदह कोर्ट में शुरू हुआ.
18 जनवरी: आज का दिन जब सियालदह कोर्ट फैसला सुनाएगी.
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