‘सागरमंथन- द ग्रेट ओशन्स डायलॉग’: दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा समुद्री शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ

‘सागरमंथन- द ग्रेट ओशन्स डायलॉग’: दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा समुद्री शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ



<पी शैली="पाठ-संरेखण: औचित्य सिद्ध करें;">‘सागरमंथन- द ग्रेट ओशन्स डायलॉग,’ दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा समुद्री नेतृत्व शिखर सम्मेलन आज से शुरू हो गया है। यह भव्य आयोजन भारत सरकार के बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया गया है। इस समारोह में 61 देशों के निर्माता और 1,700 से अधिक दिग्गजों ने हिस्सा लिया, जिसमें वैश्विक नीति निर्माता, उद्योग जगत के नेता, निर्माता और समुद्री विशेषज्ञ शामिल हैं। इस मंच का उद्देश्य सतत और नवोन्मेषी समुद्री डाकुओं को नामांकन देना है।

शिखर सम्मेलन का उद्घाटन सेंट्रल पोर्ट, नौवाहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भारत के समुद्री क्षेत्र के भविष्य को लेकर सरकार की दूरदर्शी दृष्टि को साझा किया। उन्होंने कहा, "भारत का मैरीटाइम विजन 2047 देश के समुद्री क्षेत्र को सततता, विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी के माध्यम से साझा करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीके नेतृत्व में हमारी पहली पसंद ‘सागरमाला’ और ‘मैरीटाइम अमृत काल दर्शन’ भारत को वैश्विक समुद्री व्यापार में अग्रणी बनाने की दिशा में बढ़ोतरी जारी है।" सोनोवाल ने भारत के समुद्री अवसंरचना के विकास में भारी निवेश की बात कही, जिसमें 80 लाख करोड़ की कंपनी की योजना शामिल है।

10,000 मिलियन मिलियन टन वार्षिक क्षमता हासिल करने का लक्ष्य

सोनोवाल ने बताया कि केरल के विजिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह, महाराष्ट्र के वाधवान और अंडमान के गैलेथिया जैसे मेगा बंदरगाह भारत के समुद्री संरचनाओं को और ग्राउंड पर ले जाएं। साथ ही भारत 2047 तक 10,000 मिलियन टन वार्षिक पोर्टेबल क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखता है। केंद्रीय मंत्री ने हरित सागर योजना और राष्ट्रीय हरित मिशन का ज़िक्र करते हुए समुद्री क्षेत्र के कार्बन उद्यम में कमी लाने की सरकार के प्रयासों को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा, "ब्लू और महासागर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पिछले एक दशक में हमारी सरकार ने महत्वपूर्ण नीतिगत कदम उठाए हैं।"

क्या बोले ग्रीस के मंत्री

ग्रीस के समुद्री मामले और नीति द्वीप मंत्री क्रिस्टोस स्टाइल्सिआनिडिस ने वैश्विक समुद्री सहयोग का महत्व बल दिया। उन्होंने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय परिवहन प्रणाली को स्थिर स्थिर ढाँचे और वास्तु के तीन स्तंभों-पर्यावरण, सामाजिक और आर्थिक के आधार पर कार्य करना चाहिए। ‘सागरमंथन’ इस दिशा में एक उत्कृष्ट उदाहरण है."

विश्व के 10 साल में 10-12 प्रतिशत खिलाड़ियों के निर्माण का लक्ष्य

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने भारत की समुद्री यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य अगले 10 वर्षों में विश्व के 10-12 प्रतिशत खिलाड़ियों का निर्माण और 8 प्रतिशत का स्वामित्व हासिल करना है।"

सर्वानंद सोनोवाल और क्रिस्टोस स्टाइलियानिडिस की बातचीत 

शिखर सम्मेलन के दौरान सर्बानंद सोनोवाल ने ग्रीस के मंत्री क्रिस्टोस स्टाइलियानिडिस के साथ बातचीत की। दोनों नेताओं ने 2030 तक कुल 1.94 अमेरिकी डॉलर के व्यापार को दोगुना करने और समुद्री अवसंरचना, शैक्षिक ऊर्जा और स्टार्टअप में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।

भारत की भूमिका को मजबूत बनाना ‘सागरमंथन’ 

दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में समुद्री समुद्री उद्यम, सतत विकास, तकनीकी नवाचार और वैश्विक समुद्री प्रशासन सत्र का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान भारत के बंदरगाह डिजिटलीकरण, परमाणु ऊर्जा और डिकार्बन चित्रण में तेजी से प्रगति हुई। ‘सागरमंथन’ शिखर सम्मेलन न केवल समुद्री क्षेत्र में भारत की भूमिका को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर समुद्री सहायता और स्थिरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित करेगा।

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र झारखंड विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल: कहां और कैसे देख सकते हैं महाराष्ट्र-झारखंड का एग्जिट पोल, यहां देखें पल-पल का अपडेट



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *