‘अगर जबरन लाए वक्फ संशोधन बिल तो निकलेंगे बुरे नतीजे’, मोदी सरकार को असदुद्दीन ओवैसी की चेतावनी
Waqf Invoice 2024: AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड जेपीसी से आज शुक्रवार (24 जनवरी, 2025) के लिए निलंबित किए जाने पर सरकार की कार्यशैली को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने इसे एक संवेदनशील मुद्दा बताते हुए कहा कि सरकार जबरन इस बिल को जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) के माध्यम से संसद में पारित कराने की कोशिश कर रही है, जो कि एक विशेष समुदाय पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है.
ओवैसी ने वक्फ बिल पर सरकार की प्रक्रिया को अनुचित और बेतरतीब बताया. उनका कहना है कि वक्फ संपत्तियों के संरक्षण के बजाय प्रस्तावित संशोधन इन संपत्तियों को नष्ट करने के लिए हैं. उन्होंने कहा, “वक्फ बिल एक संवेदनशील मुद्दा है. अगर सरकार इसे जबरन पारित कर जेपीसी के जरिए संसद में लाना चाहती है, तो इसके बुरे नतीजे निकलेंगे कानूनी तौर पर भी और एक खास समुदाय पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.”
जेपीसी और लोकसभा अध्यक्ष से हस्तक्षेप की मांग
ओवैसी ने आगे कहा कि इस बिल की प्रक्रिया को लेकर समिति की रिपोर्ट पेश करने का तरीका बेतरतीब और अव्यवस्थित है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस बिल को जल्दबाज़ी में पास कराने का प्रयास कर रही है, जो कि गलत है. उन्होंने कहा, “हम लोकसभा अध्यक्ष से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हैं.”
वक्फ संपत्तियों पर सरकार की मंशा पर सवाल
असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी सवाल उठाया कि सरकार का असली उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को बचाने के बजाय उन्हें नष्ट करने का है. उनका आरोप था कि इस बिल के तहत जो संशोधन प्रस्तावित हैं, वे वक्फ संपत्तियों की रक्षा करने के बजाय उनकी स्थिति को कमजोर करेंगे.
वक्फ बिल क्या है?
वक्फ बिल भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और संरक्षण से संबंधित एक विधेयक है. इसका उद्देश्य वक्फ बोर्ड की ओर से प्रबंधित संपत्तियों को सही तरीके से नियंत्रित और संरक्षित करना है.
10 विपक्षी सांसदों का निलंबन
बता दें कि वक्फ संशोधन विधेयक पर शुक्रवार को आयोजित संसदीय पैनल की बैठक में दस विपक्षी सांसदों को कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया. यह मामला तब और तूल पकड़ गया जब विपक्षी दलों ने विधेयक के प्रावधानों और सरकार की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए.
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