DRDO ने तैयार की सीक्रेट मिसाइल, पलभर में दुश्मनों का होगा काम-तमाम, जानें कब लॉन्च किया जाएगा
डीआरडीओ मिसाइल परीक्षण: भारतीय अनुसंधान रक्षा एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) बंगाल की खाड़ी में एक नए मिसाइल परीक्षण की तैयारी कर रहा है। इस परीक्षण का उद्देश्य भारतीय रॉकेट फोर्स की सेनाओं को और अधिक जानकारी देना है। हालाँकि, परीक्षण में उपयोग वाली मिसाइलों के प्रकारों का खुलासा अभी तक नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि यह परीक्षण विशाखापट्टनम के आसपास हो सकता है, जहां भारतीय नौसेना का बेस स्थित है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह परीक्षण सबमरीन द्वारा लॉन्च की गई क्रूज मिसाइल (एसएलसीएम) या के-15 सागरिका जैसी स्ट्रैटेजिक मिसाइल का हो सकता है।
इस परीक्षण के पीछे मुख्य उद्देश्य भारतीय रॉकेट फोर्स को नियुक्त करना और देश की रणनीतिक ताकत हासिल करना है। ये मिसाइलें इस प्रकार हैं.
1. सबमरीन लॉन्च क्रूज मिसाइल (एसएलसीएम):
एसएलसीएम को पनडुब्बियों से शुरू करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके संस्करणों में सी-स्किमिंग और टेरेन हागिंग क्षमता शामिल है, जो इसे निजीकरण से बचाते हुए लक्ष्य तक पहुंच में क्षमता प्रदान करते हैं। इसकी रेंज 500 किमी तक है, वजन 975 किमी, दूरी, स्पीड की अगर बात करें तो 864 किमी/घंटा है।
2. K-15 सागरिका मिसाइल
यह मिसाइल भारत के परमाणु निर्माण का सिद्धांत है। इसकी रेंज 750-1500 किमी तक है. 9260 किमी/घंटा की स्पीड से बुकिंग है। वजन 6-7 टन होने की संभावना है. इसकी विशेषता यह है कि इसे पनडुब्बियों और जमीन दोनों से लॉन्च किया जा सकता है।
3. प्रक्षेपास्त्र मिसाइल
यह भारत की शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जो सॉलिड प्रोपेलेंट पर आधारित है। इसकी रेंज की बात करें तो 150 से 500 किमी तक की क्षमता है। 1200-2000 किमी/घंटा है। इसके अलावा, शत्रुओं के वायु रक्षा को चकमा देने की क्षमता है।
बता दें कि पिछले महीने डीआरडीओ ने 1500 किमी रेंज की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। अब जारी 1730 किमी के नोटम को देखकर यह संभावना जताई जा रही है कि अगला परीक्षण एक बेंचमार्क-रेंज मिसाइल का हो सकता है। यह मिशन भारतीय नौसेना और जहाजों की मजबूती को और मजबूत बनाना है।
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