Locations Of Worship Act पर बहस में ये क्या बोल गए LJP प्रवक्ता एके बाजपेयी

Locations Of Worship Act पर बहस में ये क्या बोल गए LJP प्रवक्ता एके बाजपेयी

Locations Of Worship Act: सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि वे इस मामले में सुनवाई करेंगे. सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा, नए मुकदमे दाखिल हो सकते हैं, पर कोर्ट उन्हें दर्ज न करे. इसको लेकर एलजेपी प्रवक्ता एके बाजपेयी ने कहा है कि देश संविधान से चलेगा और उसी से चल रहा है. उन्होंने कहा है कि दोष किसी का है और किसी पर मढ़ा जा रहा है. किसी भी नागरिक को कोर्ट जाने से नहीं रोका जा सकता. 

एके बाजपेयी ने कहा, “1991 में जो कानून बनाया गया है उसमें कमी है. कोई ये नहीं कह रहा है कि देश आस्था से चलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्लियामेंट में पहुंचते ही संविधान को मत्था टेकते हैं. उस आदमी की शक्ति पर शक नहींं किया जा सकता. वह संविधान की शपथ लेकर काम करते हैं बल्कि विपक्ष इसके विपरीत काम कर रहा है. 

जस्टिस यादव को लेकर क्या बोले एके बाजपेयी?

एबीपी न्यूज एंकर संदीप चौधरी ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यादव संविधान के खिलाफ बोलने लगते हैं और ये आप (एके बाजपेयी) कहेंगे कि उनको कुछ मत बोलिये? इस पर एके बाजपेयी ने कहा कि इसपर सुप्रीम कोर्ट ने एक्शन लिया था. हर नारगिक को अधिकार है कि कोर्ट के फैसले को क्रिटिसाइ करे, लेकिन मंशा की बात नहीं कर सकते. ये जो सर्वे हो रहा है वो 1991 में बने कानून के कारण हो रहे हैं, जो कांग्रेस लेकर आई है.

क्या है मामला?

1991 का प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट कहता है कि देश के हर धार्मिक स्थल की जो स्थिति 15 अगस्त 1947 को थी, उसे बदला नहीं जा सकता। इस कानून को चुनौती देते हुए कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई हैं. इन याचिकाओं में कहा गया है कि यह कानून हिंदू, जैन, सिख और बौद्ध समुदाय को अपना अधिकार मांगने से वंचित करता है. किसी भी मसले को कोर्ट तक लेकर आना हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है.

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